दुखियारी मां की पुकार मेर बेटे को जेल भेज दो!

दोस्तों यूं तो आप रोज टीवी न्यूज चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं में नशे की ढेरों न्यूज पढ़े़, और देखे होंगे, लेकिन इस हकीकत को जानकर आप वाकई इस गंभीर समस्या के बारे में सोचने को मजबूर हो जाएंगे।
ये खबर सन 2008 की है। उस समय मैं दैनिक भास्कर भिलाई में रिपोर्टर था। मेरे पास सुपेला टीआई कबिलास टंडन को कॉल आया। उन्होंने बताया कि संदीप जी मेरे यहां एक अजीब केस आया है। मैं जब उनके पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे एक गरीब महिला से मिलेह्लाया। वह महिला बार-बार श्री टंडन से कह रही थी कि साहब मेर बेटे को कुछ महीनों के लिए जेल भेज दो।
मैंने आश्चर्यजनक ढंग से उस महिला से पूछा कि आप ऐसा क्यों कह रही हैं। उस महिला ने मुझे बताया कि उसका 14 साल का बेटा नशे का लती है, और उसे जेल भेज देंगे तो शायद उसकी यह लत छूट जाए। उसकी वेदना सुनकर मेरे आखों में भी पानी आ गया। वह महिला लोगों के यहां बर्तन मांजकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती थी। उसका पति एक स्कूल में चपरासी था। मैंने टीआई टंडन से कहा कि इस महिला के बेटे को बुलाकर डराएं ताकि वह नशा छोड़ दे। उन्होंने उस लडक़े को डांटा मगर उस पर कोई असर नहीं हुआ। मैं उस लडक़े के ऊपर एक स्टोरी बनाने के लिए उसके घर गया। उस लडक़े ने बताया कि वह सुलेशन को एक कपड़े में रखकर सांस से खीचता है। उसके  बाद वह शाम तक एक जगह पड़ा रहता है। उसका कहना था कि यदि उसे यह नशा नहीं मिलता तो वह पागल हो जाता है।
खैर मैंने एक स्टोरी बनाई और भास्कर में लगी। उसके बाद मेरे पास कई काल आए कि कुछ समाजसेवी संस्थाएं उस बच्चे को गोद लेना चाह रही थीं। मैंने उस महिला से पूछा कि क्या वह अपने बच्चे को किसी संस्था को दे सकती है। उसने कहा कि वह अपने बेटे को अपने से दूर नहीं करना चहती, लेकिन यदि कोई भिलाई में ही उसे रखे तो वह तैयार है। आखिर एक भिलाई की जानीमानी स्कूल संचालिका ने उसे अपने यहां रख लिया।
और उस बच्चे की जिंदगी मेरी छोटी सी कोशिश की वजह से बच गई, पर उन लाखों करोड़ो बच्चों का क्या जिनका अब तक कोई सहारा नहीं बना और वह आज भी नशे की लत में डूबे हुए हैं। क्या उनकी मांओं का दिल अपने बच्चे की जिंदगी बर्बाद होते देख नहीं रो रहा होगा? क्या हमें उनके आंसू नहीं पोछने चाहिए? अगर हां तो इस लड़ाई को अकेले नहीं बल्कि मिलकर लडऩा होगा। अगर हमने अपने जीवन में एक भी ऐसी मां के आखों में खुशी ला दी तो समझो हमने अपने जीवन में कुछ किया। मैं आज अपने देश की राजधानी में आ गया हूं और मेरी हमेशा यही कोशिश होगी कि मैं हमेशा बेसहारों और ऐसे नशे में गिरफ्त लोगों के जीवन में खुशी ला सकूं, और आपकी? इस सवाल के साथ राम राम, शब्बाखैर