Wednesday, November 24, 2010

लालू जी अब कौन भागेगा मीडिया या आप

अखिर छह चरणों की लंबी प्रक्रिया के बाद २४३ विधानसभा क्षेत्रों में हुए बिहार विधानसभा चुनोवों के परिणाम २४ नवंबर को आ ही गए। पर सबसे मजेदार बात यह रही कि यह चुनाव एग्जिट पोल के अनुरूप और हर जगह चुटकी लेने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव सिर्फ चुटकी ही लेते रह गए और शुक्रवार २६ नवंबर को नीतीश सरकार दुबारा सत्तासीन होने जा रही है।
सही मायने में देखा जाए तो बिहार विधानसभा चुनाव वाकयी मजेदार रहा। इन चुनाव में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की चली और नहीं राजद-लोजपा गठबंधन की। इस चुनोव में जहां कांग्रेस को अच्छी बढ़त की उम्मीद थी और वह अकेले दम पर बिहार में पिछली बार ज्यादा सीटें पाने की उम्मीद कर रही थी, मगर अफसोस कि उन्हें सिर्फ चार सीटों से संतोष करना पड़ा और सोनिया सहित कांग्रेसे बाकी वरिष्ठ नेता तीतीश कुमार को बधाई देते नजर आ रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ राजद-लोजपा गठबंधन की स्थिति इतनी दयनीय हो गई कि उन्हें सिर्फ 27 सीटों से संतोष करना पडा राजद सुप्रीमों लालू यादेव की पत्नी राबड़ी देवी को सोनपुर सहित अपने दोनों विधानसभा सीटों में मूकी खानी पड़ी। लोजपा सुप्रीमों रामेविलास पासवान के दोनों भाई इस चुनावी संग्राम में कुछ खाश नहीं कर पाए।
चुनाव परिणाम के पहले तक राजद सुप्रीमों लालू यादव जगह-जगह प्रेस कांफ्रेंस करके यह कहते फिर रहे थे कि इस बार वह बिहार में दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्तासीन होंगे। उन्होंने मीडिया पर पलटवार करते हुए कहा कि मीडिया चैनलों सहित तमाम सर्वे एजेंसियों ने जो चुनाव का सर्वेक्षण दिया है वह गलत है और परिणाम आने के बाद लालू की कथनी पूरी तरह से सही होगी तथा मीडिया चैनल जनता की नजरों से भागते नजर आएंगे। लेकिन २४ नवंबर को देखने वाली बात यह रही कि जी, स्टार, एनडीटीवी तथा इंडिया न्यूज जैसे तमाम न्यूज चैनल तो दम भरते नजर आए कि उनका आकलन कितना सही था, पर समाचारों में लालू नहीं नजर आए। लगता है कि लालू शर्म के मारे अपनी मांद में घुस गए हैं। शायद लालू यही सोच रहे होंगे कि वह जनता व मीडिया को क्या जवाब देंगे कि जब उनकी पत्नी ही दो-दो जगह से खड़े होने के बावजूद हार गईं तो फिर अन्य पार्टी प्रत्याशियों का क्या?

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